लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेनशन (LIC) की पॉलिसी यदि आपने भी ले रखी है, तो आपको सरकार के नए प्लान के बारे में जरूर जान लेना चाहिए. बजट 2020 में हुए एलान से यह साफ है कि सरकार LIC में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी और इसके लिए वह अगले वित्त वर्ष 2020-21 में कंपनी का IPO लेकर आएगी. ऐसे में LIC के बीमाधारकों पर इस फैसले का क्या असर होगा, उनके हितों के साथ क्या समझौता किया जाएगा? इन तमाम आशंकाओं पर सरकार की तरफ से बयान आया है.
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने सोमवार को कहा कि सरकार LIC के बीमाधारकों के हितों का पूरी तरह ख्याल रखेगी. आईपीओ के जरिए शेयर बाजार में एलआईसी की लिस्टिंग से उसके कामकाज और गवर्नेंस में अधिक पारदर्शिता आएगी, लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और शेयर बाजार में भी मजबूती देखने को मिलेगी.
LIC बीमाधारकों के हित में है फैसला
अनुराग ठाकुर ने पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि सरकार LIC Listing का विचार लेकर आई है. इसका ब्योरा आएगा और यह एलआईसी और उसके पॉलिसीहोल्डर के हित में ही होगा.
सरकारी बीमा कंपनी में कितनी हिस्सेदारी बेची जाएगी, इस सवाल के जवाब में अनुराग ठाकुर ने कहा कि एकबार LIC Act में संशोधन हो जाए तो इसकी सारी डिटेल सामने आ जाएगी. उन्होंने कहा कि एलआईसी के पास निवेश संबंधी फैसले के लिए अपनी स्वतंत्र व्यवस्था है और यह व्यवस्था अगले फॉर्मेट में भी बनी रहेगी.
LIC लिस्टिंग, IDBI स्टेक सेल से जुटाएगी 90,000 करोड़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2020-21 पेश करते हुए एलान किया था कि सरकार अगले वित्त वर्ष में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिए हिस्सेदारी बेचेगी. सरकार का मकसद अगले वित्त वर्ष में एलआईसी की लिस्टिंग और IDBI बैंक में हिस्सेदारी घटाकर 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का है.
सरकार ने अगले वित्त वर्ष में 2.10 लाख करोड़ रुपये विनिवेश का लक्ष्य रखा है. फिलहाल, LIC में सरकार की हिस्सेदारी 100 फीसदी है. जबकि IDBI बैंक में सरकारी हिस्सेदारी 46.5 फीसदी है.