वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में ज्यादातर टैक्सपेयर्स अपने कर की बचत करने के लिए कई जगह निवेश करते हैं. सामान्य तौर पर लोग इसके लिए पॉपुलर ऑप्शन्स जैसे इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS), टैक्स-सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट, पब्लिक प्रोविडेंट फंड, ULIP आदि चुनते हैं. खर्च के मोर्चे पर, लोगों की जानकारी होम लोन ब्याज, प्रिंसिपल रिपेमेंट, EPF योगदान, टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम और हेल्थ इंश्योरेंस तक सीमित है. आइए ऐसे कुछ विकल्पों और खर्च के बारे में जानते हैं जिनसे आपको टैक्स की बचत होगी और ज्यादा लोगों को इनकी जानकारी नहीं होती.
सेविंग्स अकाउंट से कमाई हुई ब्याज
सेविंग्स अकाउंट में सामान्य तौर पर कम ब्याज दर होती है, लेकिन कुछ प्राइवेट सेक्टर के बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक सेविंग्स अकाउंट में जमा राशि पर ज्यादा ब्याज दर देते हैं. वर्तमान में सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दर 7.5 फीसदी तक है. ज्यादा ब्याज दर और बेनेफिट्स जैसे ज्यादा लिक्विडिटी, इसे निवेशकों के लिए उनके इमरजेंसी फंड और सरप्लस के लिए अच्छा विकल्प बनाती है. ज्यादातर टैक्सपेयर्स को इसके बारे में जानकारी नहीं होती है कि सेविंग्स अकाउंट पर आपको टैक्स बेनेफिट भी मिलता है. सेक्शन 80TTA के तहत सालाना 10,000 रुपये के ब्याज पर टैक्स नहीं लगता, जबकि उसके ज्यादा होने पर आपकी टैक्स स्लैब के मुताबिक लगेगा.
HRA नहीं लेने वालों के लिए किराये पर डिडक्शन
जो कर्मचारी HRA ले रहे हैं, वे उनके द्वारा किए गए किराये के भुगतान पर सेक्शन 10(13A) के तहत टैक्स डिडक्शन को क्लेम कर सकते हैं. जो कर्मचारी सेक्शन 10(13A) के अंदर कवर नहीं हैं, वे किराये के लिए सेक्शन 80GG के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. टैक्सपेयर को डिडक्शन का लाभ लेने के लिए सेक्शन 10BA को भी जमा करना होगा.
बच्चे की शिक्षा के लिए किया गया ट्यूशन फीस का भुगतान
सेक्शन 80C के तहत अधिकतम 2 बच्चों के लिए स्कूल/ट्यूशन फीस के लिए हुए खर्च के लिए 1.5 लाख रुपये तक पर टैक्स डिडक्शन को क्लेम किया जा सकता है. इसमें यूनिवर्सिटी, स्कूल के अलावा नर्सरी, प्री-नर्सरी औप प्ले-स्कूल की फीस भी कवर होती है. हालांकि, अपनी शिक्षा या जीवनसाथी की शिक्षा के लिए ट्यूशन फीस का भुगतान इसमें शामिल नहीं है. इसी तरह बच्चे की कोचिंग के लिए फीस का भुगतान या भारत के बाहर स्थित शैक्षणिक संस्थान या प्राइवेट ट्यूशन पर टैक्स डिडक्शन नहीं मिलेगा. इसके साथ ही कुछ फीस जैसे यूनिफॉर्म फीस, एडमिशन फीस, ट्रांसपोर्ट फीस, डेवलपमेंट फीस और लेट फीस सेक्शन सेक्शन 80C में शामिल नहीं है.
माता-पिता को किराए के भुगतान पर HRA छूट का लाभ
यह एक गलत धारणा है कि जो लोग HRA कमा रहे हैं लेकिन माता-पिता के साथ रहते हैं, वे सेक्शन 10(13A) के अंदर टैक्स डिडक्शन का लाभ नहीं ले सकते. हालांकि, असलियत यह है कि वे HRA पर टैक्स डिडक्शन को अभी भी क्लेम कर सकते हैं, अगर वे माता-पिता को टैक्स का भुगतान करते हैं. उन्हें इसके लिए केवल रेंट एग्रीमेंट के जरिए मालिक-किराएदार का संबंध दिखाना है और किराये की रसीदों को सब्मिट करना है. इससे आपके माता-पिता की टैक्स लायबिलिटी पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि वे अपनी प्रॉपर्टी की नेट एनुअल वैल्यू पर 30 फीसदी का स्टैंडर्ड डिडक्शन ले सकेंगे.
सीनियर सिटीजन को डिपॉजिट में मिली ब्याज पर डिडक्शन
सीनियर सिटीजन सेक्शन 80TTB के तहत बैंक, पोस्ट ऑफिस और को-ऑपरेटिव बैंकों में किए गए डिपॉजिट पर मिली ब्याज पर 50,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन ले सकते हैं. इसमें सेविंग्स अकाउंट, टर्म डिपॉजिट और रिकरिंग डिपॉजिट शामिल हैं.
कुछ बीमारियों के इलाज पर डिडक्शन
सेक्शन 80DDB के अंदर टैक्सपेयर्स क्रोनिक रेनल फेलियर, AIDS, malignant cancers, haemophilia, thalassaemia और कई न्यूरोलॉजिकल बीमारियां जिनका उल्लेख इनकम टैक्स एक्ट के रूल 11DD में किया गया है, उन पर अपने और निर्भर लोगों के लिए डिडक्शन ले सकते हैं. हालांकि डिडक्शन को क्लेम करने के लिए आपके पास डॉक्टर से प्रिसक्रिप्शन होना चाहिए. जिस व्यक्ति को इलाज की जरूरत है, अगर वह सीनियर सिटीजन है, तो उसके लिए अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये और दूसरों के लिए 40,000 रुपये है.