किरायेदार नहीं कर पाएंगे मकान पर कब्जा, मोदी सरकार ला रही है नई रेंटल पॉलिसी

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मोदी सरकार मकानमालिकों और भू-स्वामियों को एक बड़ी राहत देने जा रही है. इसके तहत कोई भी किरायेदार अब गैरकानून तरीके से मकान मालिक की संपत्ति पर कब्जा नहीं जमा पाएगा. दरअसल, सरकार एक नई रेंटल पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें मौजूदा नियम-कानून की खामियों को दूर किया जा सकेगा. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, ”बहुत जल्द आपके सामने एक नई रेंटल पॉलिसी होगी.” पुरी ने एक इवेंट में कहा कि अधिकांश अच्छे लोग ‘कमजोर कानून व्यवस्था’ के डर से अपनी प्रॉपर्टी को किराये पर नहीं देते हैं. उनको डर रहता है कि वो अपनी प्रॉपर्टी कभी वापस नहीं हासिल कर पाएंगे.

इस पॉलिसी से शहरी क्षेत्रों में घरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी क्योंकि अधिक से अधिक मकान मालिकों में प्रॉपर्टी लीज पर देने के लिए भरोसा मजबूत होगा. इस पॉलिसी पर आवास एवं शहरी मंत्रालय (MoHUA) की देखरेख में काम हो रहा है.

राज्य जरूरतों के अनुसार कर सकेंगे बदलाव

देश में लाखों की संख्या में घर खाली पड़े हैं और नई पॉलिसी मकानमालिकों की चिंताओं को दूर करने में मददगार हो सकती है. इस पॉलिसी में राज्य अपनी जरूरतों के अनुसार बदलाव कर सकेंगे. हरदीप पुरी ने कहा, ”आपको पॉलिसी का स्वरूप मिल जाएगा. राज्य इसमें जैसा चाहें वैसा बदलाव कर सकते हैं. आपके पास एक ऐसा विकल्प बनेगा जिससे कि बड़ी संख्या में बिना इस्तेमाल के पड़े मकानों की उपलब्धता बाजार में बढ़ेगी.” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने 2022 तक सभी को अफोर्डेबल हाउसिंग उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया है.

बजट एलान से भी रीयल्टी को बूस्ट की उम्मीद

इससे पहले, बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से किये गए एलान के बाद रीयल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलने की उम्मीद है. अपनी दूसरी बजट स्पीच में ​सीतारमण ने कहा ​था कि देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करने वाले सॉवरेन वेल्थ फंड को ब्याज, डिविडेंड और कैपिटल गेन्स इनकम पर टैक्स छूट मिलेगी. प्रॉपर्टी कंसल्टेंसी फर्म जेएलएल इंडिया ने इस हफ्ते एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा था कि इस एलान से रीयल एस्टेट में बड़े पैमाने पर फंड इनफ्यूज होने का रास्ता खुल जाएगा.