भारतीय संस्कृति में सगे-संबंधियों और दोस्तों को उपहार देने की परंपरा है. लेकिन प्राप्त हुए गिफ्ट भी भारत में आयकर के दायरे में आते हैं. हालांकि सरकार ने एक शर्त के जरिए करदाता को मिले गिफ्ट्स पर टैक्स छूट का प्रावधान भी किया हुआ है. यह शर्त है कि अगर करदाता को गिफ्ट उसकी शादी पर दोस्तों या रिश्तेदारों से मिले हैं तो इन पर आयकर नहीं देना होगा, लेकिन ये गिफ्ट 50000 रुपये से ज्यादा के नहीं होने चाहिए.
अगर करदाता को मिला गिफ्ट 50000 रुपये से ज्यादा का हुआ तो यह इनकम टैक्स के दायरे में आएगा. इसके अलावा एक शर्त यह भी है कि गिफ्ट शादी की तारीख या उसके आस-पास की तारीख पर मिलने चाहिए, न कि साल-छह महीने बाद.
कैसे लगता है गिफ्ट पर टैक्स
आयकर कानून, 1961 के सेक्शन 56(2)(x) के तहत करदाता को मिले गिफ्ट्स पर कर देनदारी बनती है. टैक्स के दायरे में आने वाले गिफ्ट्स में ये चीजें शामिल हैं-
- चेक या कैश में मिली 50000 रुपये से ज्यादा की धनराशि
- जमीन, बिल्डिंग आदि जैसी कोई भी अचल संपत्ति, जिसकी स्टांप ड्यूटी 50000 रुपये से ज्यादा हो
- 50000 रुपये से ज्यादा की ज्वैलरी, शेयर, पेंटिंग्स या अन्य महंगी चीजें
- अचल संपत्ति के अलावा 50000 रुपये से ज्यादा की कोई भी प्रॉपर्टी
ये गिफ्ट हैं 50000 वाली लिमिट से बाहर
आयकर कानून में यह भी प्रावधान है कि कुछ खास लोगों या रिश्तेदारों से मिले गिफ्ट्स पर टैक्स देय नहीं होगा. फिर भले ही वे गिफ्ट 50000 रुपये से ज्यादा के क्यों न हों. छूट के इस दायरे में आने वाले गिफ्ट इस तरह हैं-
- पति या पत्नी से मिला गिफ्ट
- भाई या बहन से मिला गिफ्ट
- पति या पत्नी के भाई या बहन से मिला गिफ्ट
- माता-पिता के भाई या बहन से मिला गिफ्ट
- विरासत या वसीयत में मिला गिफ्ट या प्रॉपर्टी
- पति या पत्नी के किसी निकटतम पूर्वज या वंशज से मिला गिफ्ट
- हिंदु अनडिवाइडेड फैमिली के मामले में किसी भी मेंबर से मिला गिफ्ट
- लोकल अथॉरिटी जैसे पंचायत, म्यूनिसपलिटी, म्यूनिसपल कमेटी और डिस्ट्रिक्ट बोर्ड, कैंटोनमेंट बोर्ड से मिला गिफ्ट
- सेक्शन 10 (23C) में उल्लिखित किसी फंड/फाउंडेशन/यूनिवर्सिटी या अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन, हॉस्पिटल या अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन, ट्रस्ट या इंस्टीट्यूशन से मिला गिफ्ट
- सेक्शन 12A या 12AA के तहत रजिस्टर किसी चैरिटेबल या धार्मिक ट्रस्ट से मिला गिफ्ट