10 लाख रुपये से ज्यादा की अचल प्रॉपर्टी को खरीदने या बेचने के लिए अपने परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) को बताना अनिवार्य है. केंद्र सरकार ने संसद में इसकी जानकारी दी है. लोकसभा में 3 फरवरी को एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि इनकम टैक्स नियम, 1962 के तहत सेक्शन 139A में नियम 114B के सब-सेक्शन (5) में कहा गया है कि व्यक्ति को 10 लाख रुपये से ज्यादा की राशि पर अचल प्रॉपर्टी की बिक्री या खरीदारी पर पैन को बताना होगा. एक्ट के सेक्शन 139AA के अंदर सब सेक्शन (2) के तहत पैन और आधार को लिंक करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2020 है. ठाकुर ने आगे यह भी कहा कि इस कदम से बेनामी प्रॉपर्टी पर काबू करने और पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी.
अनुराग ठाकुर ने संसद में दिया जवाब
ठाकुर ने यह जवाब इस सवाल के पूछे जाने पर दिया कि क्या सरकार का बेनामी प्रॉपर्टी को काबू करने और पारदर्शिता लाने के लिए सभी प्रॉपर्टी से संबंधित ट्रांजैक्शन को आधार से जोड़ने का प्रस्ताव है. इसके साथ यह पूछा गया कि अगर ऐसा है, तो कितने समय तक इसके एक्शन प्लान को लागू किए जाने की उम्मीद है और उससे लोगों को क्या अतिरिक्त फायदे मिलेंगे.
आधार के जरिए तुरंत मिलेगा पैन
बजट 2020 में सरकार ने आधार के जरिए इंस्टैंट पैन देने का एलान किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक सिस्टम लॉन्च करने का एलान किया था जिसमें आधार बेस्ड PAN को तुरंत ऑनलाइन अलॉट किया जाएगा और इसमें डिटेल्स के साथ ऐप्लीकेशन फॉर्म को भरने की कोई जरूरत नहीं होगी.
सीतारमण ने कहा था कि पिछले बजट में उन्होंने PAN और आधार की इंटरचेंजेबिलिटी की शुरुआत की थी और इसके लिए जरूरी नियमों को नोटिफाई किया था. उन्होंने कहा था कि PAN के आवंटन को और आसान बनाने के लिए जल्द ही एक सिस्टम लॉन्च किया जाएगा जिसमें PAN को तुरंत आधार पर ऑनलाइन दिया जाएगा. इसमें किसी भी व्यक्ति को फॉर्म भरने की जरूरत नहीं रहेगी.